आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी जी धाम सिरवैया, उन्नाव
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में स्थित आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी मंदिर एक प्राचीन और पवित्र शक्ति पीठ है। यह मंदिर देवी दुर्गा के एक रूप, माँ पूर्वी देवी, को समर्पित है और श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक आस्था का केंद्र है। मंदिर का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है, और यह शक्ति उपासना के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक माना जाता है।
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह स्थल आदि काल से शक्ति उपासना का केंद्र रहा है। हालांकि, मंदिर के निर्माण की सटीक तिथि और संस्थापक के बारे में अधिक प्रामाणिक ऐतिहासिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन लोक कथाओं और जनश्रुतियों के अनुसार, यह मंदिर सदियों पुराना है।
एक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना किसी चमत्कारी घटना के फलस्वरूप हुई थी। कहा जाता है कि एक समय यहाँ एक साधक ने माँ दुर्गा की कठोर तपस्या की थी, जिसके बाद देवी ने उन्हें दर्शन दिए और इस स्थान को शक्ति पीठ के रूप में प्रतिष्ठित किया। इसके बाद, धीरे-धीरे इस स्थान को एक पवित्र स्थल के रूप में ख्याति मिलने लगी और श्रद्धालु यहाँ दर्शन एवं पूजा के लिए आने लगे।
एक अन्य कथा के अनुसार, यह स्थल शक्ति साधकों और तांत्रिकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा है। आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी की उपासना करने से भक्तों को अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है, ऐसा विश्वास किया जाता है। इस मंदिर का नाम ‘पूर्वी देवी’ इसलिए पड़ा क्योंकि यह मंदिर क्षेत्र के पूर्व दिशा में स्थित है और पूर्व दिशा को आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।


मंदिर की वास्तुकला और संरचना
आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक भारतीय मंदिर निर्माण शैली के अनुरूप है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में माँ पूर्वी देवी की दिव्य प्रतिमा स्थित है, जिसे अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा जाता है।
मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं, जो इसे एक भव्य धार्मिक स्थल बनाती हैं। मंदिर की संरचना में सुन्दर नक्काशी, विशाल प्रांगण और भक्तों के लिए सुविधाजनक व्यवस्था उपलब्ध है। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर सुंदर तोरणद्वार (गेट) बना हुआ है, जो इसकी भव्यता को और अधिक बढ़ाता है।
मंदिर के आस-पास प्राकृतिक हरियाली और शुद्ध वातावरण भक्तों को एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु माँ के दर्शन कर न केवल आंतरिक शांति प्राप्त करते हैं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी स्वयं को सशक्त अनुभव करते हैं।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी मंदिर को सिद्ध शक्ति पीठ माना जाता है। शक्ति पीठ वे स्थान होते हैं, जहाँ देवी शक्ति की उपासना अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु माँ से प्रार्थना करते हैं।
कहा जाता है कि माँ पूर्वी देवी अपने भक्तों की सभी इच्छाएँ पूर्ण करती हैं और उनके जीवन से कष्टों को दूर करती हैं। इस मंदिर में विशेष रूप से नवरात्रि के समय भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
मंदिर में होने वाले प्रमुख अनुष्ठान और त्योहार
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नवरात्रि उत्सव – नवरात्रि के नौ दिनों तक यहाँ विशेष पूजा-अर्चना होती है। इन दिनों में देवी की विशेष आरती, हवन, भंडारे और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है।
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शक्ति पूजन एवं हवन यज्ञ – मंदिर में समय-समय पर हवन और यज्ञ का आयोजन होता है, जिसमें भाग लेने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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मंगलवार और शुक्रवार की विशेष पूजा – माँ दुर्गा और उनकी शक्तियों से संबंधित यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इन दिनों में माँ के दर्शन करने का विशेष महत्व होता है।
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गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान – कुछ साधकों और तांत्रिकों के लिए यह समय विशेष रूप से सिद्धियों की प्राप्ति के लिए उपयुक्त माना जाता है।


मान्यताएँ और चमत्कारी घटनाएँ
आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी मंदिर के विषय में अनेक चमत्कारी घटनाओं की कथाएँ प्रचलित हैं। भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती।
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मनोकामना पूर्ति का मंदिर – कहा जाता है कि जो भी भक्त माँ पूर्वी देवी के मंदिर में सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
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रोगों से मुक्ति – बहुत से श्रद्धालुओं का मानना है कि यहाँ आकर माँ से प्रार्थना करने पर गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
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नकारात्मक ऊर्जा से बचाव – माँ पूर्वी देवी की कृपा से नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से सुरक्षा प्राप्त होती है।




