मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह स्थल आदि काल से शक्ति उपासना का केंद्र रहा है। हालांकि, मंदिर के निर्माण की सटीक तिथि और संस्थापक के बारे में अधिक प्रामाणिक ऐतिहासिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन लोक कथाओं और जनश्रुतियों के अनुसार, यह मंदिर सदियों पुराना है।
एक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना किसी चमत्कारी घटना के फलस्वरूप हुई थी। कहा जाता है कि एक समय यहाँ एक साधक ने माँ दुर्गा की कठोर तपस्या की थी, जिसके बाद देवी ने उन्हें दर्शन दिए और इस स्थान को शक्ति पीठ के रूप में प्रतिष्ठित किया। इसके बाद, धीरे-धीरे इस स्थान को एक पवित्र स्थल के रूप में ख्याति मिलने लगी और श्रद्धालु यहाँ दर्शन एवं पूजा के लिए आने लगे।
एक अन्य कथा के अनुसार, यह स्थल शक्ति साधकों और तांत्रिकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा है। आदि शक्ति पीठ माँ पूर्वी देवी की उपासना करने से भक्तों को अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है, ऐसा विश्वास किया जाता है। इस मंदिर का नाम ‘पूर्वी देवी’ इसलिए पड़ा क्योंकि यह मंदिर क्षेत्र के पूर्व दिशा में स्थित है और पूर्व दिशा को आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है।

